उच्च शिक्षा विभाग: निशुल्क होने के बाद भी स्टूडेंट से वसूले करोड़ो

भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 1324 निजी और सरकारी कॉलेजों के यूजी कोर्स में प्रवेश कराने को लेकर 16 करोड़ रुपए कमा लिए हैं। विभाग ने छात्राओं को निशुल्क का वादा करने के बाद भी उनसे करीब नौ करोड़ जमा करा लिए हैं। ये वसूली एक काउंसलिंग और चौथी सीएलसी में हुई है। सीएलसी का पंजीयन शुल्क 500 रुपए निर्धारित किया गया था।

मप्र शासन ने छात्राओं को निशुल्क देने के नाम पर करोड़ों रुपये की वसूली की है। सिर्फ प्रथम चरण में छात्राओं को निशुल्क प्रवेश देने का वादा पूरा किया जाता है। इसके बाद शासन तय शुल्क के हिसाब से फीस अदा करा रही है। राशि नहीं देने की एवज में छात्राओं को प्रवेश ही नहीं मिलेगा। उच्च शिक्षा विभाग आॅनलाइन काउंसलिंग कराने में करोड़ों रुपये की कमाई करता है, जिसमें छात्राओं से भी नामांकन के नाम पर शुल्क लिया गया है। प्रदेश के 1324 निजी और सरकारी कालेजों के यूजी-पीजी में प्रवेश लेने के लिये छात्र-छात्राओं से फीस जमा कराई जा रही है। वर्तमान सत्र 2022-23 में प्रवेश कराने विभाग ने यूजी-पीजी पंजीयन पर विराम लगा लिया है। सिर्फ यूजी के पंजीयन मात्र में विभाग ने करीब 16 करोड़ की कमाई है। अभी तक यूजी कॉलेजों में तीन लाख 86 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं।

ऐसे हुई विभाग की कमाई
प्रथम राउंड में 1,10,600 छात्रों के पंजीयन से विभाग को एक करोड़ दस लाख रुपये मिले। इसमें 1,57,000 छात्राओं ने निशुल्क पंजीयन कराये। तीनों सीएलसी में एक लाख 48 हजार छाआत्रों के पंजीयन से 500 रुपये के हिसाब से विभाग 7,35,60,000 रुपये मिले। वहीं एक लाख 23 हजार छात्रों से 500 रुपये के हिसाब से 6,14,61,000 रुपये वसूले गये। अतिरिक्त सीएलसी में यूजी में 62 हजार 400 पंजीयन हुये हैं। इसमें करीब तीस हजार छात्राएं हैं। उनसे करीब डेढ़ करोड़ फीस ली गई है। इससे छात्राओं से पूरे नौ करोड़ कमाए गये हैं। जबकि विभाग छात्राओं को निशुल्क प्रवेश देने की बात कर रहा है।

कॉलेजों में भेजा डाटा
अंतिम अतिरिक्त राउंड में करीब 88 हजार विद्यार्थियों ने यूजी-पीजी में पंजीयन कराया है। इसमें करीब 66 हजार विद्यार्थी ही सत्यापन कर सकें हैं। विभाग ने आज उक्त विद्यार्थियों का डाटा कॉलेजों में भेज दिया है। अब कॉलेज उनकी मेरिट जारी कर प्रवेश देंगे।

ऐसे हुई वादा खिलाफी
प्रदेश सरकार छात्राओं को निशुल्क शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है। सरकारी कॉलेजों में छात्राओं से कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में छात्रों को 100 रुपये और छात्राओं को निशुल्क रखा गया था। दूसरे राउंड में छात्र और छात्राओं को 250 शुल्क का भुगतान करना था। वहीं सीएलसी में 500-500 रुपये भुगतान करने के बाद ही पंजीयन निर्धारित किया गया था। वहीं प्रथम चरण में पंजीयन कराने के बाद विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं होने तक दोबारा पंजीयन कराने की जरुरत नहीं होती है।

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