भोपाल
नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव में भी भाजपा अधिक से अधिक अध्यक्ष पद हासिल करने की कोशिश में जुट गई है। करीब आधा दर्जन जिला पंचायतों में अध्यक्ष पदों को हासिल करने में नाकाम रही बीजेपी नगरपालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव में किसी तरह की चूक नहीं होने देना चाहती। इसलिए मंत्रियों, विधायकों, संगठन द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों, जिला प्रभारियों को साफ कर दिया है कि इस बार चूक हुई तो उन्हें ही जिम्मेदार माना जाएगा।
नपा व नगर परिषद में अध्यक्ष पद पर बीजेपी पार्षद निर्वाचित कराने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री के बीच निकायवार मंथन भी हो चुका है। जहां कांग्रेस पार्षदों की संख्या ज्यादा है, वहां कांग्रेस पार्षदों से क्रास वोटिंग कराने के लिए भी बीजेपी की बी टीम को सक्रिय किया गया है।
कई निकायों के लिए तय हुए सिंगल नाम
भाजपा ने 76 नगरपालिका और 247 नगर परिषदों में जीते पार्षदों की संख्या के आधार पर कई निकायों के लिए अध्यक्ष पद पर सिंगल नाम फाइनल कर लिए हैं। इस पर भी शिवराज, वीडी और हितानंद के बीच हुई बैठक में डिस्कशन हुआ है। इसके साथ ही जैसे-जैसे जिलों में नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चयन के लिए सम्मिलन बुलाने की तारीख तय होती जाएगी, वैसे-वैसे अध्यक्ष पद के लिए नाम तय करने का काम होता रहेगा।
भितरघात, बगावत करने वालों पर भी निगाह
भाजपा संगठन इस बात पर भी निगाह जमाए है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तरह पार्टी का कौन सा विधायक, पदाधिकारी संगठन द्वारा तय किए जाने वाले नगर पालिका, नगर परिषद अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के विरुद्ध है। ऐसे पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के बारे में जानकारी मिलते ही संगठन तुरंत उन्हें ताकीद करने का काम करेगा और इसके बाद भी नहीं माने तो 15 अगस्त के बाद होने वाली बैठकों में इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का निर्णय लिया जाएगा।