वाशिंगटन
अल कायदा चीफ और 9/11 आतंकी हमले का मुख्य षणयंत्रकारी अयमान अल-जवाहिरी की अमेरिकी ड्रोन-स्ट्राइक में मौत हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद इसकी पुष्टि की और उन्होंने कहा कि इंसाफ हो गया है। अमेरिकी सेना की ओर से पाकिस्तान के जलालाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने के बाद जवाहिरी अलकायदा प्रमुख बना था। लादेन के मारे जाने के बाद अल-जवाहिरी की पहचान ग्लोबल आतंकी के तौर पर बनी। उस पर USD 25 मिलियन का इनाम था।
स्कॉलर्स और डॉक्टर्स के परिवार में हुआ जन्म
जवाहिरी का जन्म स्कॉलर्स और डॉक्टर्स के इजिप्टियन मिडल-क्लास परिवार में हुआ था। वह भी बचपन से डॉक्टर बनना चाहता था। राबिया अल-जवाहिरी उसके दादा थे, जो कि अल अजहर के ग्रैंड इमाम थे। मिडल ईस्ट में यह सुन्नी इस्लामिक लर्निंग का प्रमुख सेंटर है। साथ ही यह इस्लाम धर्म की अहम मस्जिदों में से एक है।
मिश्र की सेना में आई सर्जन के तौर पर किया काम
अल-जवाहिरी ने मिश्र की सेना में सर्जन के तौर पर तीन साल तक काम किया। जवाहिरी के आई सर्जन से मोस्ट वांटेड ग्लोबल आतंकी बनने का सफर उस वक्त शुरू हुआ, जब 1986 में वह लादेन से मिला। उसने लादेन के निजी सहायक और डॉक्टर के तौर पर काम कर दिया।
1993 में मिश्र में इस्लामिक जिहाद की लीडरशिप संभाली
1993 में उसने मिश्र में इस्लामिक जिहाद की लीडरशिप संभाली। जवाहिरी 1990 के दशक के मध्य में सरकार को उखाड़ फेंकने और इस्लामी राज्य की स्थापना के अभियान का प्रमुख चेहरा बना। मिश्र के 1,200 से अधिक लोगों की हत्या में वह शामिल पाया गया। 1998 में जवाहिरी ने मिस्र के इस्लामिक जिहाद को अल-कायदा से मिला दिया। केन्या के नैरोबी अमेरिकी दूतावासों, अफ्रीका में दार एस सलाम और तंजानिया में लगभग एक साथ कई बम विस्फोट हुए, जिनमें 224 लोग मारे गए। इनमें 12 अमेरिकी शामिल थे और 4,500 से अधिक लोग घायल हुए थे। जवाहिरी को इन बम विस्फोटों में भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया।
9/11 हमले के मुख्य षणयंत्रकारी में से एक
अल-जवाहिरी की टेरर-प्लॉटिंग का सबसे खतरनाक रूप 11 सिंतबर, 2001 को देखने को मिला। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन में हुए हमले में करीब 3,000 लोग मारे गए। वह और बिन लादेन 2001 में अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना से बचकर भाग निकले थे। अमेरिकी सरकार ने 2001 में जवाहिरी को दुनिया को मोस्ट वांटेड आतंकी नंबर दो घोषित किया। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के निकलने के एक साल बाद जवाहिरी को मार गिराया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे न्याय के लिए चलाया गया अभियान बताया। उन्होंने कहा, 'इसमें कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढ निकालेगा।'