रांची
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का फेक व्हाट्सएप आइडी बनाकर जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार से पैसा मांगने का मामला सामने आया है। उस फेक आइडी से मंत्री के रूप में साइबर अपराधियों ने जिला कृषि पदाधिकारी से अमेजान गिफ्ट के माध्यम से उगाही करने का प्रयास किया। पदाधिकारी से कहा गया कि वह अमेजान के भेजे गए गिफ्ट के लिंक में जाकर पैसा जमा कर दें। उन्हें अभी इसकी आवश्यकता है, क्योंकि वह मीटिंग में व्यस्त हैं, इसलिए पैसा भेज दे, बाद में उन्हें वापस कर दिया जाएगा।
कृषि पदाधिकारी ने आप्त सचिव को दी जानकारी
जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि इस तरह ठगी को लेकर वह पहले से ही वाकिफ हैं। जैसे ही फेक आइडी से उन्हें वाटसएप मैसेज सुबह करीब 7:30 बजे आया, उसके बाद वह अलर्ट हो गए। उन्होंने बताया कि मंत्री बादल पत्रलेख इस तरह से अपने पदाधिकारियों से बात नहीं करते हैं। जिस तरह से ठगी करने का प्रयास किया गया, वह कोई शातिर साइबर अपराधी ही कर सकता है। हालांकि उन्होंने इसकी शिकायत सबसे पहले कृषि मंत्री के आप सचिव से की। उसके बाद लिखित शिकायत पुलिस को की है।
पुलिस साइबर अपराधियों को पकड़ने में नाकाम
मालूम हो कि इस तरह के साइबर ठगी के मामले पहले भी आ चुके हैं। इससे पहले रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन के नाम से भी एक फेक वाटसएप आइडी बनाकर पदाधिकारियों से उगाही करने का प्रयास किया गया था। पिछले एक माह में देखें तो लगातार यह साइबर अपराधी बड़े-बड़े पदाधिकारियों व मंत्रियों का फेक आइडी बनाकर लगातार ठगने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पुलिस को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। दूसरी ओर पुलिस इन साइबर अपराधियों को पकड़ने का कोई प्रयास नहीं कर रही है, ना ही किसी तरह की सूचना पुलिस को मिल सकी है। पुलिस की असफलता के कारण लगातार साइबर अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। वह अब पदाधिकारियों के बाद मंत्रियों के फेक आइडी का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिए हैं।