भोपाल
राजधानी में हो रही विश्व हिन्दू परिषद की बैठक में देश भर में हो रहे धर्मांतरण के मामलों में विहिप की आगामी एक साल की भूमिका को लेकर मंथन हो रहा है। इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत विहिप के केंद्रीय पदाधिकारी शामिल हैं जो एक साल में किए जाने वाले कामों को लेकर भी चर्चा कर रहे हैंं। इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया के साथ इसके बाद परिषद क्या करेगी, इसको लेकर भी चर्चा कर रणनीति तैयार की जा रही है। विहिप के एजेंडे में देश के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों को लेकर भी प्रस्ताव लाए गए हैं जिसको लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है।
विश्व हिन्दू परिषद की बैठक इन दिनों राजधानी के आरजीपीवी कैम्पस में हो रही है जिसमें संघ प्रमुख के अलावा देश भर के प्रांत संगठन मंत्री और क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों के साथ परिषद के केंद्रीय पदाधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। विहिप सूत्रों के अनुसार देश भर में परिषद के कामकाज और आगामी एक साल की कार्ययोजना पर मंथन के साथ इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि देश भर में धर्मांतरण को लेकर सक्रिय मुस्लिम और इसाई संगठनों को कैसे रोका जाना है और हिन्दू समाज में जनजागरण को लेकर कैसे देशव्यापी कार्यक्रम चलाए जाने हैं?
बैठक में खासतौर पर आदिवासी समाज को लेकर चर्चा हो रही है जिन्हें प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए साफ्ट टारगेट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सूत्रों का कहना है कि अयोध्या के राम मंदिर को लेकर विहिप की भूमिका सबको पता है और राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद आगामी भूमिका को लेकर भी इसमें चर्चा कर कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। इसके साथ ही काशी के ज्ञानवापी मस्जिद की तरह अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के मामले में भी संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर आक्रांताओं द्वारा किए गए बदलाव से मुक्त कराने पर विचार किया जा रहा है।