संजय राउत की ‘डायरी’ उगलेगी कई राज! ईडी का दावा- कोडवर्ड में बताया पैसे किसे दिए

मुंबई
शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। गुरुवार की रोज ईडी को संजय राउत की रिमांड 8 अगस्त तक के लिए मिल गई है। साथ ही ईडी ने उनकी पत्नी वर्षा राउत को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है। अब ईडी को पात्रा चॉल जमीन घोटाला मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ा सुराग हाथ लगा है। तलाशी के दौरान ईडी को संजय राउत के घर से एक डायरी मिली है। ईडी का दावा है कि यह डायरी मनी लॉन्ड्रिंग केस में अहम कड़ी साबित हो सकती है। पता लगा है कि इस डायरी में कोडवर्ड में उन लोगों के नाम हैं, जिन्हें पैसे दिए गए थे।

दरअसल, रविवार को ईडी के अधिकारियों ने पात्रा चॉल जमीन घोटाला मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनके घर सघन तलाशी ली गई। राउत से करीब 6 घंटे पूछताछ भी हुई। संजय राउत के घर से 1 करोड़ 17 लाख रुपये के लेखा दस्तावेज जब्त किए थे। ईडी ने एक डायरी भी जब्त की है। महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कहा जा रहा है कि जब्त की गई डायरी में कोडवर्ड में कुछ अहम जानकारी हाथ लगी है। ईडी का दावा है कि कोडवर्ड में यह उल्लेख है कि पैसे का भुगतान किसे किया गया।

डायरी में कोडवर्ड में लोगों के नाम
ईडी ने संजय राउत के खिलाफ उनके ही घर से सबूत मिलने का दावा किया है। ईडी को इस संबंध में एक डायरी मिली है। ईडी ने संजय राउत के कमरे से यह डायरी जब्त की है। इसमें कोडवर्ड में कुछ लोगों के नाम हैं। जिन्हें 1 करोड़ 17 लाख नकद दिए गए थे। यह पैसा क्यों दिया गया, कौन हैं ये लोग। इन कोडों के साथ इन नामों का क्या अर्थ है? ईडी ने जब इस बारे में पूछताछ की तो संजय राउत और उनके करीबी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया।

डायरी का हवाला देकर बढ़ाई रिमांड
ईडी अधिकारियों ने गुरुवार को संजय राउत को कोर्ट में पेश करने के दौरान मांग की कि राउत की कस्टडी बढ़ाई जाए। सबूत के आधार पर ईडी ने डायरी का उल्लेख किया। इस केस में अब राउत के घर मिली डायरी बेहद अहम कड़ी मानी जा रही है। ईडी को संदेह है कि पात्रा चॉल घोटाले से प्राप्त धन का उपयोग यहां भुगतान करने के लिए किया गया था। ईडी ने दावा किया है कि डायरी में लोगों के नाम कोड के तहत लिखे गए हैं ताकि किसी को पता न चले। ईडी अब उन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

क्या है पात्रा चॉल घोटाला
इस मामले में ईडी ने पीएमएलए के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आरोप है कि बिल्डर ने 1034 करोड़ की ठगी की है। 2008 में पात्रा की पुनर्विकास परियोजना शुरू हुई। मुंबई के गोरेगांव में 672 घरों के पुनर्विकास के लिए निवासियों ने म्हाडा और बिल्डर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। म्हाडा, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी और निवासियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह निर्णय लिया गया कि कुल 13 एकड़ भूमि में से साढ़े चार एकड़ भूमि मूल निवासियों को बेच दी जाएगी और शेष का निर्माण म्हाडा और बिल्डर द्वारा किया जाएगा। हालांकि, यह आरोप लगाया गया है कि गुरु आशीष बिल्डर और अधिकारियों ने एक निजी बिल्डर को साइट बेच दी। इन सभी मामलों में गुरु आशीष कंपनी के पूर्व निदेशक प्रवीण राउत को ईडी ने गिरफ्तार किया था। प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के करीबी माने जाते हैं।

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