कितनी खतरनाक है ‘वन चाइना पॉलिसी’? तिब्बत में महिलाओं पर चीन का अत्याचार, भर दिए जेल

 बीजिंग
चीन 'वन चाइना  पॉलिसी' को लेकर न केवल ताइवना पर दावा करता है बल्कि हॉन्गकॉन्ग, तिब्बत और शिनजियांग पर भी दावा ठोकता है। वहीं चीन के कब्जे वाले तिब्बत में महिलाओं के  मानवाधिकारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां लगातार स्थिति खराब हो रही है। यहां शी जिनपिंग या फिर कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं को जेलों में ठूसने में देर नहीं की जाती। धर्मशाला के एक मानवाधिकार संगठन 'ताइबतन वॉच' की रिपोर्ट के मुताबिक किरगिल की रहने वाली महिला नोरजिन वांगमो को निर्वासित तिब्बतियों को कुछ जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। जब वह जेल से छूटीं तो वह 'अधमरी' हालत में पहुंच चुकी थीं। उनकी दशा देखकर जेल में होने वाले अत्याचार का अंदाजा लगाया जा सकता था। पूरे बदन पर चोट के निशान थे।

महिलाओं को अधमरी हालत में पहुंचाकर करता है रिहा
रिपोर्ट के मुताबिक मई 2020 में उन्हें जेल से छोड़ा गया। उनकी हालत ऐसी हो चुकी थी कि इलाज से भी स्वास्थ्य सुधरना नामुमकिन लग रहा था। वहीं Tibet.Net की एक और खबर के मुताबितक युदान और जुमकार नाम की दो तिब्बती बहनों को आमदो काउंटी के त्सारांग गांव से गिरफ्तार किया गया था। दलाई लामा का जन्मदिन मनाने के लिए उनको गिरफ्तार किया गया था।
 
इन बातों से चिढ़ता है चीन
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन कथित पॉलिटिकल क्राइम के आरोपियों कि जेल में बहुत दुर्दशा करता है। उनके मरने से पहले वह जेल से रिहा कर देता है। तिब्बती मीडिया के मुताबिक चीन तिब्बती महिलाओं पर बहुत अत्याचार करता है। अगर कोई महिला विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेती है, या फिर दलाई लामा का पोस्टर लगाती है तो उसे गिरफ्तार करने में देर नहीं होती।  इसके अलावा अगर कोई महिला अपने बच्चों को कम्युनिस्ट स्कूल भेजने से मना करती है तो उसके साथ भी बुरा सलूक किया जाता है।

बच्चों के ब्रेनवॉश के लिए बनाए स्कूल
चीन ने तिब्बत में बच्चों का ब्रेनवॉश करने के लिए स्कूल बनाए हैं। यहां बच्चों को कम्युनिस्ट आइडियोलॉजी और चीन भक्ति का पाठ पढ़ाया जाता है। अप्रैल में 6 यूएन हम्यूमन राइट एक्सपर्ट ने साझा बयान जारी करते हुए कहा था कि चीन तिब्बतियों  को डिटेंशन कैंप में रख रहा है। वहीं एक महिला की गिरफ्तार की भी बात कही गई थी। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन का प्रशासन तिब्बतियों में डर का माहौल बनाने की कोशिश करता है। वह लोगों के परिवार और पड़ोसियों को अलग करने में कसर नहीं छोड़ता। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन इस बात पर भी जोर देता है कि तिब्बती महिलाओं की शादी चीनी नागरिकों से करा दी जाए। इसके बाद उन्हें तिब्बती पहचान छोड़ने पर मजबूर किया जाता है। हालांकि इतने अत्याचारों के बाद भी तिब्बती महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वे हार नहीं मानने वाली हैं। वे चीन के अत्याचार के सामने घुटने न टेककर आए दिन इसका विरोध करती हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *