बीजिंग।
चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के एक दिन बाद गुरुवार को ताइवान सीमा के पास चीन ने युद्धाभ्यास शुरू किया। चीनी सेना के मुताबिक इस दौरान लक्ष्यों पर सटीक हमले किए गए। 100 से अधिक लड़ाकू विमानों ने ताइवान के उत्तरी, दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी वायुक्षेत्र में उड़ान भरी। उधर, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि चीनी सेना ने देश के उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिमी तट के पास 11 डोंगफेंग बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इनमें से पांच जापान की सीमा में गिरीं। ताइवान का कहना है कि अपनी सीमाओं की रक्षा से पीछे नहीं हटेगा।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि ताइवान और संबंधित क्षेत्रों पर नजर रखने वाली पीएलए की पूर्वी थिएटर कमान ने लगभग एक बजे यह संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू किया, जो रविवार तक चलेगा। यह युद्धाभ्यास नाकेबंदी, समुद्री तथा जमीनी लक्ष्यों पर हमले और वायुक्षेत्र के नियंत्रण पर केंद्रित है। इसी के मद्देनजर ताइवान के पूर्वी हिस्सों में निर्धारित स्थानों पर बमबारी भी की गई।
ताइवान ने उड़ानें रद्द कीं : चाइना टाइम्स के मुताबिक, मिसाइल दागे जाने के बाद ताइवान ने कम से कम 40 उड़ानें रद्द कर दीं । हालांकि, राजधानी ताइपे के ताओयुयान हवाई अड्डे के हवाले से कहा गया कि यह जरूरी नहीं है कि उड़ानों को रद्द करने का संबंध सैन्य अभ्यास से है। इस बीच, मालवाहक जहाजों के परिवहन पर संभावित प्रभाव का संकेत नहीं मिला है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है। उधर, चीन ने भी विमानों को सैन्य अभ्यास के दौरान सेवाएं संचालित करने से बचने का आदेश दिया है।
जापान की चेतावनी, चीन तुरंत बंद करे युद्धाभ्यास : चीन की सेना के युद्धाभ्यास को लेकर जापान ने कड़ी चेतावनी दी है। जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि चीन अपना युद्धाभ्यास तुरंत बंद करे। जापान ने चीन की कुछ मिसाइलें उसके क्षेत्र में गिरने का दावा किया है।
ताइवान पर चर्चा : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को नोम पेन्ह में आसियान सम्मेलन से इतर अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान चीन-ताइवान में बढ़ते तनाव को लेकर भी वार्ता हुई। जयशंकर ने ट्वीट किया, अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ भारत-अमेरिका संबंधों और वैश्विक स्थिति पर चर्चा की। ब्लिंकन ने कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केंद्रीय भूमिका के प्रबल समर्थक हैं।
ताइवान की तीन ओर से घेराबंदी में जुटा चीन
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन की भौहें तन गई हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने ताइवान के आसपास 16 किलोमीटर के दायरे में सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। चीन सैन्य ताकत के लिहाज से बेहद मजबूत है, वहीं ताइवान ने भी जंग के हालात से निपटने को विशेष तैयारियां की हैं।
चीन का 'लाइव फाइरिंग' सैन्य अभ्यास
-उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिमी तट पर बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की।
-असली हथियारों और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया जा रहा है।
-अब तक 100 किमी दूरी पर सैन्य अभ्यास होता था, इस बार 16 किमी दूर।
-दो दिन पहले 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस क्षेत्र में घुसे थे।
तीन ओर से घेराबंदी
-युद्धाभ्यास में हवाई, जमीनी और समुद्री युद्ध तीनों का अभ्यास होगा।
-जे-20, एच-6के बॉम्बर, जे 11 लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक मिसाइल तैनात।
-परमाणु मिसाइल डीएफ-17 शामिल, यह हाइपरसोनिक हथियार भी बन सकती है।
-पांचवी पीढ़ी का चेंगदु-20 लड़ाकू विमान अमेरिकी एफ-22 नष्ट कर सकता है।
-गाइडेड मिसाइल, एंटी शिप-एंटी रेडिएशन से लैस अत्याधुनिक सुखोई।
-लियाओनिंग विमानवाहक युद्धपोत 50 एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर ले जा सकता है।
-लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार और अन्य घातक मिसाइलों का भी परीक्षण होगा।
-बख्तरबंद वाहन, एंटी गन मिसाइल भी इसमें शामिल की गई हैं।