इस्लामाबाद
पाकिस्तान में वर्षा और बाढ़ के चलते भारी नुकसान की खबर है। पाकिस्तान पिछले एक महीने से भारी बारिश का सामना कर रहा है। जिसके कारण आई बाढ़ में कम से कम 549 लोगों की मौत हो गई, जिसमें बलूचिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत में दूरदराज के समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है। एक सरकारी एजेंसी ने यह जानकारी दी। सरकारी एजेंसियों और सेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता और राहत शिविर स्थापित किए हैं, और परिवारों को स्थानांतरित करने और भोजन और दवा उपलब्ध कराने में मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शुक्रवार को कहा कि मौतों के अलावा, बाढ़ ने 46,200 से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। 'हम बाढ़ पीड़ितों को व्यापक राहत और पुनर्वास प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।'
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान यह बात कही। एनडीएमए ने कहा कि पिछला महीना तीन दशकों में सबसे अधिक बारिश वाला महीना था, जिसमें पिछले 30 वर्षों के औसत से 133% अधिक बारिश हुई थी। आपदा एजेंसी ने कहा कि बलूचिस्तान, जिसकी सीमा ईरान और अफगानिस्तान से लगती है, में वार्षिक औसत से 305% अधिक बारिश हुई। एनडीएमए ने पाकिस्तान के अलग-अलग प्रांतों से प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी घटनाओं के कारण जान-माल के नुकसान के संबंध में ताजा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि गांवों में हजारों लोग फंसे हुए हैं और बाढ़ के पानी के कारण उन्हें स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है और ऐसे में उन्हें पानी से जुड़ी बीमारी होने का खतरा है।
बाढ़ के कारण बलूचिस्तान और सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। वहां अचानक आई बाढ़ से सैकड़ों नागरिकों की मौत हो गई और सार्वजनिक ढांचों को नुकसान भी हुआ है। हाल के हफ्तों में पाकिस्तान में इतनी भारी बारिश हुई है कि उन्हें पहले कभी दर्ज नहीं किया गया है। इस कारण से इस दक्षिण एशियाई देश में जलवायु परिवर्तन और मौसमी बदलाव के विनाशकारी प्रभावों के बारे में चिंता बहुत अधिक हो गई है।