नई दिल्ली
केंद्र सरकार टोल प्लाजा पर भीड़ को कम करने और टोल संग्रहण को कुशल बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है। साल 2019 में जहां टोल कलेक्शन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक पर आधारित फास्टैग (FAStag) टोल प्रणाली को लागू किया था, वहीं अब इसके बदले एक नए और बेहतर टोल प्रणाली को लाने पर काम शुरू हो चुका है।
6 महीनों में लागू होगी नई प्रणाली
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि नया टोल सिस्टम टोल प्लाजा पर फास्टैग स्कैनिंग और कैश के भुगतान को पूरी तरह समाप्त कर देगा। इस प्रणाली के आने के बाद वाहनों को टोल भुगतान के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी और हाईवे पर लगने वाले ट्रैफिक जैम से भी निजात मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे छह महीनों के भीतर सभी हाईवे और एक्सप्रेस से टोल प्लाजा को हटाकर नई प्रणाली को लागू करेंगे।
राज्यसभा में एक विधानसभा सत्र के दौरान, गडकरी ने कहा कि परिवहन मंत्रालय उपग्रह आधारित टोल प्रणाली जैसे नए विकल्पों पर काम कर रहा है, जो एक वाहन चालक के बैंक खाते से उसकी कार में लगे जीपीएस के माध्यम से टोल राशि डेबिट कर देगा। उन्होंने कम्प्यूटरीकृत प्रणाली का पालन करने का एक वैकल्पिक तरीका भी बताया, जो टोल संग्रह के लिए किसी वाहन चालक के वाहन की नंबर प्लेट को पढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि नंबर प्लेट रीडिंग टोल वसूली का दूसरा तरीका है जिसे वह पसंद करते हैं।