नई दिल्ली
महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ कांग्रेस सड़कों पर है। लंबे समय बाद देश की राजधानी में विपक्ष अपना कर्तव्य निभाता हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी ने इस मामलें में एक नया मोड़ ला दिया है। कांग्रेस ने एक दिन पहले यानी पांच अगस्त को अपना प्रोटेस्ट किया। इस दौरान कांग्रेस के नेता काले कपड़ों में नजर आए। संसद के अंदर भी कांग्रेस नेताओं ने काले कपड़े पहने हुए थे। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने काले कपड़े इसलिए पहने थे क्योंकि पांच अगस्त को राम मंदिर के भव्य निर्माण का शिलान्यास हुआ था।
बीजेपी ने इस मसले को जोर शोर से उठाना शुरू कर दिया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इसी बात को दोहराया। इसके अलावा इसी मामले को लेकर न्यूज चैनल ने टीवी डिबेट हुई। डिबेट का टॉपिक ये था कि क्या कांग्रेस ने जानबूझकर ऐसा दिन चुना या ये सिर्फ संयोग था। कांग्रेस इस मामले को लेकर बीजेपी पर घृणित राजनीति का आरोप लगा रही है। बीजेपी की तरफ से प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सालों से ऐसा ही करती आ रही थी। कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी राम मंदिर बने। कांग्रेस की ओर से इस डिबेट में सुप्रिया श्रीनेत शामिल हुईं।
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि छह दिसंबर को कांग्रेस बाबरी का शोक मनाती है। उन्होंने कहा कि ये कोई संयोग नहीं था। इतने दिनों से कांग्रेस ने क्यों काले कपड़े नहीं पहने। बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि 6 दिसंबर 1993 के बाद कांग्रेस की कई इकाईयां हर साल बाबरी की शहादत दिवस मनाती हैं। ये कांग्रेस की पीड़ा है। कांग्रेस उन सेकुलर लोगों को बताना चाहती है कि देखो अभी भी हम तुम्हारे बारे में सोचते हैं। इस कारण से कांग्रेस ने ये खास दिन चुना। इसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता भड़क गईं।
बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ उसके प्रदर्शन के संदर्भ में आये गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर उन पर निशाना साधते शुक्रवार को कहा कि शाह ने उसके (कांग्रेस के) शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बदनाम करने का घृणित प्रयास किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सिर्फ बीमार मानसिकता के लोग ही ऐसे फर्जी तर्क दे सकते हैं।
कांग्रेस का पलटवार
शाह ने कहा, "आज का दिन कांग्रेस ने इसलिए काले कपड़ों में विरोध के लिए चुना, क्योंकि वो इसके माध्यम से संदेश देना चाहते हैं कि हम राम जन्मभूमि के शिलान्यास का विरोध करते हैं और अपनी तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं। रमेश ने ट्वीट किया, "आज महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी के खिलाफ कांग्रेस के लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बदनाम करने एवं इससे ध्यान भटकाने का गृह मंत्री ने घृणित प्रयास किया।"