प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति को लेकर किए कई खुलासे

नई दिल्ली
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नई शराब नीति को लेकर कई खुलासे किए. सिसोदिया ने कहा कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर पूर्व एलजी अनिल बैजल के रुख में बदलाव की जांच के लिए हमने सीबीआई को लिखा है. हम इस मामले को सीबीआई के पास भेज रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को रोक कर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया. मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब ने यह फैसला किसके कहने पर लिया. सरकार को जो फायदा होना चाहिए था वह नहीं हुआ. उसके पीछे कारण यही था कि अचानक से पॉलिसी में बदलाव किया गया. एलजी साहब ने अगर अपना निर्णय नहीं बदला होता तो सरकार को करोड़ों का फायदा होता. उन्होंने कहा कि एलजी ने अपना फैसला क्यों बदला, इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.

नई पॉलिसी में 849 दुकानें होनी थी जैसे पहले थी. उन्होंने कहा कि नई पॉलिसी के तहत सब जगह एक समान डिस्ट्रब्यूशन होना था. एलजी साहब ने इस पॉलिसी को दो बार पढ़ने के बाद पास किया.

उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में बराबर-बराबर दुकानें बाटी जाएंगी. सिसोदिया ने कहा कि उस वक्त ना तो एलजी साहब ने कोई आपत्ति जताई, न ही कोई नाराजगी जताई. दो बार एलजी साहब ने पॉलिसी पढ़ने के बाद फ़ाइल पास की.

48 घंटे पहले फैसला क्यों बदला
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह पूरा मामला हम सीबीआई को भेज रहे हैं. अगर यह निर्णय बदला नहीं गया होता तो आज सरकार को करोड़ों रुपए का फायदा होता. सवाल यह है कि 48 घंटे पहले यह फैसला क्यों बदला गया.

पॉलिसी लागू होने से 2 दिन पहले नया क्लॉज
उपमुख्यमंत्री  ने कहा कि नवंबर के पहले हफ्ते में एलजी साहब ने पॉलिसी लागू होने से 2 दिन पहले एक नया क्लॉज लगाया. इसमें कहा गया कि अनधिकृत कॉलोनी में शराब की दुकान खुलने के लिए एमसीडी और डीडीए से परमिशन लेनी होगी. अचानक से एलजी साहब की इस पॉलिसी में क्लॉज लगाने की वजह से अनऑथराइज्ड कॉलोनी में शराब की दुकान नहीं खुल पाई.

सरकार को नुकसान हुआ
सिसोदिया ने कहा कि बिना सरकार से पूछे सर्विस में बदलाव किया गया जिसके कारण सरकार को नुकसान हुआ. जिन लोगों की दुकानें खुलीं उनको करोड़ो का फायदा हुआ जिनकी दुकानें नहीं खुली उनका नुकसान हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *