भोपाल
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आंबेडकर) के राष्ट्रीय महासचिव डाॅ मोहनलाल पाटील ने अपने जन्मदिन पर आरपीआई /बुध्दिस्ट सोसायटी /समता सैनिक दल की ओरसे नागसेन सभागृह, तुलसीनगर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये डा मोहनलाल पाटील ने कहा कि " सामाजिक परिवर्तन के बिना राजनैतिक परिवर्तन कोई मायने नही रखता है ।
मुस्लिम, दलित, आदिवासी समाज का राष्ट्रपति बनाने या लोकसभा में दलित/आदिवासीयों के 138 सासंद होने के बावजूद अपने समाज की आवाज नही उठा रहे। ना आरक्षण कोटा पुरा करने, सरकारी उघोगो के निजीकरण को रोकने, अन्याय अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने में असफल है। सभी अपने दल के प्रति वफादारी दिखाकर सिर्फ अपने परिवार का भविष्य देखते है। संविधान से प्राप्त लोकतंत्र /प्रजातंत्र खतरे में है, विपक्षी दलों को समाप्त करने का षड़यंत्र देश में चल रहा है। बाबासहाब आम्बेडकर जी का कहना था की सशक्त विपक्ष रहना लोकतंत्र में आवश्यक है। हम आम्बेडकरवादी को समता, स्वातंत्र, बधुत्व व न्याय पर आधारित प्रबुध्द भारत बनाने के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता है।
जन्मदिन पर आयोजित सभा में मंच पर सर्वश्री भिक्षु शरणकर, भिक्षु जीवक भिक्षुणी संघमित्रा तथा डा गोजु पाल, श्रीमती कल्पना पाटील, बी टी गजभीये, धम्मरतन सोमकुवर, मूलचंद धुतलहरे, यु जी चवरे, प्रकाश सोनवने, रामु गजभीये, दलित बन्सोड ,चिंतामन पगारे, कुवरलाल रामटेके, रामदास घोसले, गौतम पाटील, वामन जंजाले, हरिश लोनारे, संजीव सक्सेना, सुनिल सेरिया उपस्थित थे। सभा प्रकाश रणवीर, गंगाधर गजभीये, अमजद सिद्दिकी, पृथ्वीराज रायपुरे, मनोज मानिक, रत्नाकर मेंढे, अशोक वानखेडे, अशोक पाटिल, राहुल रंगारे, दिलिप मस्के, रामेश्वर गजभिये, रविन्द्र बन्सोड, राहुल बाविस्कर, मनोहर तागडे, दीनदयाल वर्मा, विजय कुमार, अशोक वंजारी, अनिल जाधव, भास्कर प्रधान, रवि तायडे, राहुल लोनारे, महादेव डोंगरे, जगदिश गजभिये, सुमेध वाघमारे, जयेश जाधव, उमेश नारनवरे, दिनेश बागडे, विकास मोरे, शिवाजी वाकोडे, रवि इंगले, व आदि लोग बढ़ी संख्या मेउपस्थिति थे।