बर्मिंघम
महिला रेसलर साक्षी मलिक ने एक बार फिर से देश का नाम रौशन कर दिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में साक्षी ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता। दिग्गज पलवान ने 62 किलो भारवर्ग के फाइनल में कनाडा की एना गोडिनेज गोंजालेय को बॉय फॉल के जरिए 4-4 से मात दी। यादगार जीत के बाद पदक लेते हुए साक्षी की आंखों में आंसू थे और राष्ट्रगान के समय वह रोने भी लगीं।
कमाल का रहा मुकाबला
साक्षी मलिक और कनाडा की एना के बीच फाइनल में जोरदार मुकाबला देखने को मिला। बता दें कि एक कुश्ती का मैच 6 मिनट का होता है और फाइनल में एना ने शानदार शुरुआत करते हुए दो बार साक्षी को पटकनी दी थी। पहले डेढ़ मिनट के खेल में ही एना गोडिनेज 4-0 की बढ़त बना ली थी। इसके बाद तीसरे मिनट में साक्षी जबरदस्त वापसी की एना को चित कर एक ही दांव में चार अंक हासिल कर लिए।
साक्षी ने बनाया दबाव
इसके बाद साक्षी मलिक ने एना पर पिनफॉल की कोशिश की और 10 सेकंड तक उन्हें जमीन पर गिराए रखा। 4-0 से पिछड़ने के बाद पहले उन्होंने मुकाबले को 4-4 की बराबरी पर ला खड़ा किया और फिर एक मिनट में मैच का पासा पलटकर जीत हासिल की। फाइनल साक्षी ने 3 मिनट और 47 सेकंड में विक्ट्री बॉय फॉल से खत्म कर दिया।
खुशी के आंसू
गोल्ड जीतने के बाद 29 वर्षीय साक्षी अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाई और पोडियम पर मेडल सेरेमनी के दौरान रो पड़ीं। कॉमनवेल्थ गेम्स साक्षी का ये पहला गोल्ड और कुल तीसरा पदक था। इससे पहले उन्होंने 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर और 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2016 के रियो ओलंपिक में भी साक्षी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रही थीं।
12 साल की उम्र से शुरू हुआ था सफर
साक्षी ने 12 साल के उम्र से ही पहलवानी सीखना शुरू कर दिया था। उनके दादा बदलू राम भी जाने माने पहलवान थे। 17 साल की उम्र में साक्षी ने एशियन जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। 2009 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप के दौरान सिल्वर जीतकर उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मेडल जीता था। इसके बाद 2010 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में भी मलिक ने कांस्य पदक जीता था। 2012 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप का गोल्ड भीव उन्होंने अपने नाम किया था।