लखनऊ
शिया कॉलेज में राष्ट्रगौरव परीक्षा के दौरान नकल पर टोकने से भड़के छात्र ने शनिवार को शिक्षक पर हमला कर दिया। आरोपी ने भरी कक्षा में शिक्षक को कई थप्पड़ मारे और उत्तर पुस्तिका फेंक दी। हंगामा करते हुए छात्र मौके से भाग निकला। कक्षा में अफरातफरी मच गई। शिक्षक की ओर से पुलिस को भी तहरीर दी गई है। अनुशासन समिति और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक में कार्रवाई का फैसला होगा। वहीं शिक्षकों ने सख्ती से कहा है कि अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो सोमवार को परीक्षा नहीं होने देंगे।
लखनऊ विश्वविद्यालय की राष्ट्रगौरव परीक्षा शिया कॉलेज में दोपहर की पाली में चल ही थी। परीक्षा खत्म होने से कुछ समय पहले केंद्र के इमाम-ए-रजा ब्लॉक के कक्ष संख्या छह में एक छात्र अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए पकड़ा गया। परीक्षा ड्यूटी कर रहे एसोसिएट प्रोफेसर डा. धर्मेन्द कुमार ने बताया कि छात्र को जब नकल करने से रोका गया तो वह उग्र होकर गालियां देने लगा। आरोपी छात्र ने शिक्षक को धक्का दिया और आंसर शीट फेंक दी। इसके बाद भरी कक्षा में शिक्षक को कई थप्पड़ मारे। इस हंगामे के दौरान परीक्षा कक्ष में अफरातफरी मच गई। आरोपी छात्र ने पीड़ित शिक्षक का मोबाइल भी छीनकर फेंक दिया। इस मामले की जानकारी कॉलेज प्राचार्य के साथ ही स्थानीय थाने में दी गई। सेंटर सुप्रीडेंटेंड प्रो. आगा परवेज मसीह ने बताया कि छात्र की पहचान बीए चतुर्थ सेमेस्टर के राहुल तिवारी के रूप में हुई है। शिक्षक पर हमला करने के बाद छात्र बाहर भाग गया था। वहीं 100 कॉलेजों से ज्यादा में हुई परीक्षा में 148 ने परीक्षा छोड़ दी ।
हमले के आरोपी छात्र को परीक्षा की अनुमति
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलयू के प्रो. रविकांत चंदन पर हमले के अभियुक्त छात्र कार्तिक पांडेय को परीक्षा देने की अनुमति दी है। एलयू ने एक अगस्त को छात्र को बर्खास्त कर दिया था।यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने छात्र कार्तिक पांडेय की याचिका पर पारित किया। साथ ही न्यायालय ने छात्र के बर्खास्तगी के मामले पर छात्र को सुनवाई का मौका देते हुए, पुनर्विचार का आदेश भी दिया है। हालांकि, न्यायालय ने छात्र को उक्त सुनवाई के अतिरिक्त एलयू कैम्पस में घुसने से मना करा दिया है।
प्रवेश लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था
याची छात्र का कहना था कि प्रोफेसर के साथ मारपीट के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट पर बिना सुनवाई का मौका दिए, बर्खास्तगी का आदेश पारित कर दिया गया। एक अगस्त को पारित उक्त आदेश में छात्र को एलयू अथवा एलयू से संबद्ध किसी भी कॉलेज में प्रवेश लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। प्रो. रविकांत ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर कुछ विवादित टिप्पणी की थी, उनपर भी केस था।