पटना
आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। पिछले चार कार्यक्रमों में नीतीश कुमार के ना शामिल होने की वजह से भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जेडीयू विधायकों की बैठक बुलाई है। इसके अलावा पार्टी के सांसदो को भी सोमवार तक पटना पहुंचने को कहा गया है। उधर बात करें आरजेडी की तो हलचल उधर भी कम नहीं है। मंगलवार को आरजेडी ने भी राबड़ी देवी के आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई है। इस हलचल पर जब बिहार में भाजपा अध्यक्ष संजय जयसवाल से प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि जेडीयू में क्या चल रहा है यह तो वही बता सकती है।
भाजपा और जेडीयू में सब ठीक नहीं चल रहा?
अगर पिछले एक महीने पर ही गौर करें तो देखने में आता है कि भाजपा और जेडीयू के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है। कई बार ऐसा हुआ है जब कि केंद्र के कार्यक्रमों में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। सबसे पहले 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 'हर घर तिरंगा' अभियान को लेकर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें नीतीश कुमार नहीं शामिल हुए थे। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में भी आमंत्रण के बावजूद नीतीश कुमार नहीं पहुंचे।
इसके बाद 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहम समारोह में भी बिहार के सीएम को बुलाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंचे। फिर 7 अगस्त को पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक थी लेकिन नीतीश कुमार ने इससे भी कन्नी काट लिया। इसी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि भविष्य में नीतीश और एनडीए के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो जाहिर सी बात है कि बिहार में भाजपा-जेडीयू गठबंधन की सरकार गिर जाएगी।
आरसीपी सिंह के अलविदा कहने के बाद घमासान
बिहार में यह घमासान तब शुरू हुआ जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया। उनपर अकूत संपत्ति इकट्ठा करने के मामले में पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इससे पहले वह जब केंद्र में जेडीयू के एक मात्र मंत्री थे तब भी पार्टी ने उनका राज्य सभा का टिकट काट दिया था। इस तरह उन्हें मंत्री पद खोना पड़ा था।
सोनिया गांधी से भी नीतीश ने किया संपर्क?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से भी संपर्क किया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि इस समय कांग्रेस भी केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर चुकी है। एक तरफ सोनिया और राहुल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई और दूसरी तरफ महंगाई को लेकर कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है।
जेडीयू दे चुकी है एनडीए से दूरी बनाने का इशारा
चिराग पासवान का एनडीए की बैठक में सहयोगी के रूप में शामिल होना जेडीयू को नागवार गुजरा। विधानसभा चुनाव के दौरा्न चिराग पासवान नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोल रहे थे। वहीं वह एनडीए की बैठक में शामिल हो रहे हैं। जाहिर सी बात है यह बात नीतीश कुमार को अच्छी नहीं लगी होगी। जेडीयू नहीं चाहती है कि चिराग की वजह से जो हाल 2020 में हुआ व 2024 में ना हो। हाल में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की कई बार मुलाकात हुई थी। तब भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे।