भोपाल
संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. आर.के. मेहिया ने सभी विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को लंपी चर्म रोग के विरूद्ध अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संयुक्त संचालक, उप संचालक, संभागीय एवं जिला लैब प्रभारी से पशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों में व्यापक रूप से फैली इस बीमारी के लक्षण रतलाम जिले के पशुओं में देखने को मिले हैं। उन्होंने विभागीय अमले को लंपी के प्रति सतर्क रहने और केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बीमारी के प्रति पूरी सावधानी रखी जाए और उपचार की व्यवस्थाएँ भी सुनिश्चित करें। वीसी में बैंगलुरू के डॉ. मंजूनाथ रेड्डी संचालक निवेदी ने भी वर्चुअल बैठक में शामिल होकर बीमारी के लक्षण, सावधानी एवं उपचार की जानकारी दी।
डॉ. मेहिया ने संभागीय एवं जिला अधिकारियों को गुजरात एवं राजस्थान से लगे हुए जिलों के बॉर्डर पर पशुओं के आवागमन पर रोक लगाने और वेक्टर को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जानवरों को बीमारी से बचाने के लिए गोट पॉक्स वैक्सीनेशन करें और पर्याप्त मात्रा में औषधि भंडार रखें। संभागीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला जबलपुर के प्रभारी डॉ. पी.के. सोलंकी ने नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय जबलपुर की डॉ. वंदना गुप्ता ने भी बीमारी की रोकथाम के उपाय बताए।