जालंधर
आजादी की 75वीं वर्षगांठ को खास बनाने के लिए 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाने की प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। अभी तक शहर में 2.4 लाख तिरंगे पहुंच चुके हैं। जालंधर से ही 10 जिलों को राष्ट्रीय ध्वज बांटे जाएंगे। हर घर तक तिरंगा पहुंचाने के लिए डाकखाने के अलावा, बैंक, राशन डिपो व पेट्रोल पंप पर राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री की जाएगी।
वेरका बिक्री केंद्र व शिक्षण संस्थानों में भी तिरंगा मिल सकेगा। जालंधर में इस अभियान की कमान एडीसी वरिंदरपाल सिंह बाजवा ने संभाली है। वह तिरंगे तैयार करवाने से लेकर इसकी जांच व सप्लाई करने से लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयास कर रहे है। 20 हजार तिरंगे सेल्फ हेल्प ग्रुप की तरफ से तैयार करवाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में और राष्ट्रीय ध्वज आएंगे। सभी को सम्मान के साथ तिरंगे कि बिक्री व सप्लाई करने की हिदायत भी दी गई है। किसी से ज्यादा पैसे नहीं लेने के लिए भी कहा गया है। लोगों से भी सम्मान बरकरार रखने की अपील की गई है।
13 से 15 तक घर पर लगाना है ध्वज
जिला प्रशासन की तरफ से चिन्हित किए गए प्वाइंट्स पर 25 रुपये के हिसाब से तिरंगे की बिक्री की जाएगी। अगर 15 अगस्त के बाद भी किसी प्वाइंट पर तिरंगे बच जाते हैं तो इसकी वापसी जिला प्रशासन को करनी होगी। एडीसी के मुताबिक वापस किए गए तिरंगों को भारतीय संस्कृति मामलों के मंत्रलय को लौटा दिए जाएंगे। तिरंगे इसी मंत्रालय ने जारी किए हैं। तिरंगों की अदायगी पहले नहीं की जाएगी। जितने तिरंगे बिकेंगे, उसकी पेमेंट और शेष बचे तिरंगे मंत्रालय को लौटा दिए जाएंगे।
फ्लैग कोड 2022 लागू करवाएंगे
डीसी जसप्रीत सिंह ने बताया कि फ्लैग कोड नियमों को सख्ती से लागू करवाना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। तिरंगा फहराने को लेकर समय की पाबंदी नहीं रही है। दिन व रात को भी ध्वज फहराया जा सकता है। मशीन से बने व पालिएस्टर से बने ध्वज को भी अनुमति दे दी गई है।
फट जाए तो ऐसे करें ध्वज का निस्तारण
फ्लैग फाउंडेशन आफ इंडिया के सीईओ मेजर जनरल (सेवानिवृत) असीम कोहली ने बताया कि ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाए या अन्य किसी प्रकार से कट-फट जाए, तो उसे गरिमा के अनुरूप एकांत में किसी बंद स्थान पर जलाकर पूर्णत: नष्ट कर देना चाहिए। इसके अलावा भी इनके निस्तारण का सम्मानजक तरीका हो सकता है। प्लास्टिक के छोटे राष्ट्रीय ध्वज को हम वस्त्रों पर कमर से ऊपर सम्मानित ढंग से लगा सकते हैं।
अग्नि के सुपुर्द करते समय ध्वज खुला न रखें शिक्षाविद् प्रोफेसर वीनित शर्मा बताते है कि क्षतिग्रस्त तिरंगे को एक लकड़ी के बाक्स में रखकर इसे साफ जगह में दफनाया जा सकता है। इसके साथ ही कुछ देर के लिए मौन रखना जरूरी है। साफ जगह पर अग्नि की तेज आंच में ध्वज को केवल फोल्ड करके सम्मान के साथ अग्नि के सुपुर्द किया जा सकता है। ध्यान रहे अग्नि सुपुर्द करते समय ध्वज खुला नहीं होना चाहिए।
इन नियमों का करें पालन
- सजावट के लिए मत करें इस्तेमाल
- कटे या फटे तिरंगे को फहराया नहीं जा सकता।
- तिरंगे पर किसी तरह का विज्ञापन या फिर प्रचार नहीं किया जा सकता।
- तिरंगे का इस्तेमाल सजावट के लिए नहीं किया जा सकता।
- रजिस्टर या किताब की जिल्द के लिए तिरंगे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
- तिरंगा किसी भी सूरत में जमीन को नहीं छूना चाहिए।
- न तो उल्टा पकड़े व न ही फहराएं।
- तिरंगे के बराबर या फिर इससे ऊपर कोई झंडा नहीं होना चाहिए।
- हर घर तिरंगा अभियान के साथ ही इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन के बाद दिन व रात दोनों समय तिरंगा फहराया जा सकता है।
- तिरंगे का आकार 3: 2 अनुपात का होना चाहिए।
- तिरंगा फहराते समय केसरिया रंग सबसे ऊपर होना चाहिए।
- तिरंगे को नुकसान पहुंचाने पर कार्रवाई का प्रविधान है।
जालंधर से इन जिलों को होगी सप्लाई
जालंधर से 10 जिलों को तिरंगे की सप्लाई दी जाएगी। इसमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, हशियारपुर, एसबीएस नगर, रूप नगर, लुधियाना, मोगा शामिल हैं।