नई दिल्ली
कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी देश की लड़ाई को आने वाले दिनों में और मजबूती मिलने की उम्मीद है। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि बायोलाजिकल ई की ओर से विकसित कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए बतौर बूस्टर डोज अनुमति दिए जाने की उम्मीद है। यह वैक्सीन उन लोगों को भी दी जा सकेगी, जिन्होंने पहली या दूसरी डोज कोवैक्सीन या फिर कोविशील्ड ली हो।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि यह मंजूरी पिछले सप्ताह वैक्सीनेशन के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की ओर से कोविड 19 वर्किंग ग्रुप द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा जब देश में प्राथमिक टीकाकरण के लिए उपयोग हुई वैक्सीन के अलावा अन्य वैक्सीन को बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
आपको बता दें कि कॉर्बोवैक्स वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। यह मंजूरी 4 जून को मिल गई थी। इसके बाद जुलाई के महीने में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने वयस्कों के लिए एक स्वतंत्रत बूस्टर वैक्सीसन के रूप में कॉर्बेवैक्स की सिफारिश की थी, जिसकी अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।
आपको बता दें कि भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन Corbevax वर्तमान में COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को टीका लगाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल और वैक्सीन कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने तैयार किया है। कॉर्बेवैक्स भारत की पहली कोरोना वैक्सीन है, जिसे DCGI और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने वयस्कों के लिए एक स्वतंत्र (नियमित कंपनी के टीके से अलग) बूस्टर के रूप में देने की सिफारिश की है।