नई दिल्ली
अगस्त 2018 में जब भारतीय महिला क्रिकेट में गेंदबाजी की धूरी मानी जाने वाली झूलन गोस्वामी ने टी20 क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया तो सवाल था कि टीम में उनकी जगह कौन लेगा। तब भले टीम के पास कोई जवाब न हो लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शानदार गेंदबाजी करने वाली रेणुका सिंह ठाकुर ने एक उम्मीद जगा दी है।
कॉमनवेल्थ गेम्स में 24 साल बाद शामिल क्रिकेट में भारतीय महिला टीम भले ही गोल्ड नहीं जीत पाई लेकिन उसने सिल्वर जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया। टीम को फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। टीम ने लीग मुकाबले में पहले पाकिस्तान और फिर बारबाडोस को हराकर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया और फिर सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराकर फाइनल में जगह बनाई।
भारत के इस प्रदर्शन के पीछे रेणुका का योगदान
भारत के इस शानदार प्रदर्शन के पीछे गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने लगगभ हर मैच में शानदार गेंदबाजी की। कॉमनवेल्थ गेम्स में रेणुका ने 5 मैचों में 9.45 की औसत ने 11 विकेट लिए थे जिसमें से दो बार उन्होंने 4-4 विकेट हासिल किए। वह इस टूर्नामेंट में विकेट चटकाने के मामले में नंबर वन गेंदबाज रही। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में 4 ओवर की गेंदबाजी में 18 रन देकर 4 विकेट लिए थे। इसके बाद उन्होंने बारबाडोस के खिलाफ अपनी गेंदबाजी में सुधार करते हुए 4 ओवर में केवल 10 रन देकर 4 विकेट झटके।
रैकिंग में हुआ फायदा
उनकी इस शानदार गेंदबाजी का इनाम उन्हें आइसीसी द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में भी हुआ और वह टी-20 रैंकिंग में गेंदबाजों की सूची में करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 18वें स्थान पर पहुंच गईं। उन्होंने 10 स्थानों की छलांग लगाई। इतना ही नहीं उनकी गेंदबाजी ने भारतीय टीम को आने वाले समय में गेंदबाजी आक्रमण को लेकर एक भरोसा भी दिया है।