नई दिल्ली।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने फंगल एंडोकार्डिटिस से पीड़ित 70 वर्षीय मरीज़ का सफल इलाज किया है। एक दुर्लभ किस्म की कंडीशन से ग्रस्त इस मरीज़ के हृदय के एऑर्टिक वाल्व में फंगस पैदा हो गया था। डॉ उद्गीथ धीर, डायरेक्टर एवं हैड, कार्डियोथोरेसिक एंड वास्क्युलर सर्जरी (सीटीवीएस), फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के नेतृत्व में डॉक्टरों ने टीम ने इस मामले को अपने हाथों में लिया और एक जटिल सर्जरी कर मरीज़ के हार्ट वाल्व से 6 से.मी. आकार की फंगल बॉल निकाली। यह बेहद दुर्लभ किस्म का मामला था, जो दुनियाभर में कभी-कभार उन मरीज़ों में देखा गया है जो कार्डियाक सर्जरी करा चुके होते हैं और ऐसे मरीज़ों के बचने की संभावना 50% होती है।
मरीज़ की 2017 में एऑर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई थी और 2021 में वे कोविड-19 संक्रमण का भी शिकार हो चुके हैं। वद्धावस्था और नाजुक स्वास्थ्य के चलते उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन लैवल गिरकर 87-86 रह गया था जिसकी वजह से उन्हें 10 दिनों के लिए स्टेरॉयड पर रखा गया। हालांकि उनकी रिकवरी हो गई थी लेकिन कुछ समय बाद ही उनका वज़न गिरने लगा, और साथ ही, उन्हें बार-बार बुखार तथा खांसी की शिकायत भी बनी हुई थी। उनकी हालत बिगड़ती देख उनका सीटी स्कैन और ब्लड टैस्ट कराया गया जिससे पता चला कि उन्हें पोस्ट-कोविड चैस्ट फाइब्रॉसिस है और उनके ब्लड में भी बैक्टीरिया पाए गए।
फोर्टिस ग्रुरुग्राम में भर्ती होने पर मरीज़ की ट्रांस इसोफेगल इकोकार्डियोग्राम (टीईई) जांच में उनके हार्ट वाल्व में एक बड़ा फंगल मास पाया गया। मरीज़ को छाती में भारीपन की शिकायत थी और साथ ही, अन्य कई बीमारियां भी थीं जिनकी वजह से पहले उनकी हालत स्थिर करना प्रमुख प्राथमिकता थी। सर्जरी से पहले मरीज़ का हार्ट फंक्शन गिरकर 25% रह गया था और वे शॉक फेलियर थे (शरीर में इंफेक्शन की वजह से हार्ट फंक्शन प्रभावित हुआ था जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी)। ऐसे में डॉक्टरों ने उनके शरीर को डीटॉक्सीफाइ करने के लिए स्पेशल फिल्टर्स की मदद से उनकी एऑर्टिक वाल्व सर्जरी की। इस दौरान, उन्हें आर्टिफिशियल हार्ट लंग मशीन पर रखा गया ताकि जितना संभव हो इंफेक्शन को दूर किया जा सके। अब मरीज़ सर्जरी के 3 माह बाद पूरी तरह से फंगल इंफेक्शन से मुक्त है और स्वस्थ जीवन बिता रहे हैं।