CBI, ED के बाद लोकपाल, झारखंड में सोरेन परिवार की और बढ़ीं मुश्किलें

 रांची
 
कोयला मंत्री के पद पर रहते हुए झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और उनके परिवार पर अवैध कमाई अर्जित करने और बेनामी संपत्तियों की खरीद के मामले में लोकपाल ने नोटिस जारी किया है। शिबू सोरेन को इस मामले में 25 अगस्त को दिन के साढ़े ग्यारह बजे स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा। लोकपाल इंडिया के फुल बेंच ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। लोकपाल ने इस मामले में सीबीआई की प्रिलिमिनरी इंक्वायरी (पीई) रिपोर्ट, शिकायत की कॉपी और नोटिस भी उन्हें भेजे हैं।

अगस्त 2020 में दर्ज हुई शिकायत
पांच अगस्त 2020 को शिबू सोरेन और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित करने, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और अचल संपत्ति की खरीद का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी गई थी। इसके बाद लोकपाल ने 15 सितंबर 2020 को सीबीआई को पीई दर्ज कर छह माह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। सीबीआई ने इस मामले में जांच के लिए अधिक वक्त की मांग की थी, हालांकि 1 मार्च 2021 को पहली पीई रिपोर्ट सौंपी गई थी। एक जुलाई 2021 को सीबीआई ने सोरेन परिवार की संपत्ति का पूरा विवरण, आयकर रिटर्न लोकपाल को सौंपा था। लोकपाल ने सोरेन परिवार के संबंधित सदस्यों को नोटिस भेजकर 8 सितंबर 2021 तक पक्ष मांगा था।

सोरेन परिवार को सारी जांच रिपोर्ट व शिकायत का विवरण दिया गया था। लोकपाल ने संबंधित दस्तावेज भी उन्हें सौंपा था। 7 मार्च 2022 तक उनके पक्ष की मांग की गई थी। इसी साल 06 मई 2022 को सोरेन परिवार से आए पक्ष को सीबीआई को भेज कर उसकी पड़ताल करने और 13 जून तक नई इंक्वायरी रिपोर्ट मांगी गई थी। सीबीआई ने रिपोर्ट 29 जून को सौंपी थी। सीबीआई के द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को काफी गंभीर मानते हुए लोकपाल ने अब लोकसेवक के खिलाफ केस दर्ज करने के पूर्व पक्ष रखने से जुड़ा नोटिस भेजा है।

सीबीआई ने सौंप दी है फाइनल रिपोर्ट
सीबीआई ने सोरेन परिवार की संपत्ति से संबंधित अंतिम पीई रिपोर्ट 29 जून 2022 को सौंपी थी। लोकपाल ने पाया है कि रिपोर्ट काफी विस्तृत है। ऐसे में लोकपाल ने इस मामले में नोटिस करने का फैसला लिया है। सीबीआई ने अपनी पीई में सोरेन परिवार को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक व कई बेनामी संपत्ति अर्जित करने का दोषी पाया है।

 

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