वॉशिंगटन
चीन की हलक से अगर चीख निकालनी है, तो उसके लिए उसके बाजार पर चोट करना सबसे ज्यादा जरूरी है और अमेरिका ने पहली बार चीन के 'चीप' को खत्म करने के लिए विशालकाय प्लान तैयार किया और इसके लिए अमेरिका ने 280 अरब डॉलर खर्च करने की मंजूरी दे दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 280 अरब डॉलर के द्विदलीय विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जो चीन के लिए बहुत बड़ा झटका साबित होने वाला है। चीन को बहुत बड़ा झटका अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 'डोमेस्टिक हाईटेक मैन्यूफैक्चरिंग' को बढ़ावा देने के लिए 280 अरब डॉलर के द्विदलीय विधेयक पर साइन कर दिए हैं, जिसका मकसद चीन के खिलाफ अमेरिकी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के साथ साथ उसके चिप मार्केट का वर्चस्त खत्म कर देना है।
सबसे खास बात ये है, कि इस कानून का समर्थन अमेरिका के नेताओं के साथ साथ अधिकारी, स्थानीय राजनेता औक व्यापारिक वर्ग कर रहा था और इसीलिए बाइडेन प्रशासन यह कानून लेकर आया है और इस कानून के तहत अमेरिका में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर तैयार किया जा सके।
सेमीकंडक्टर को लेकर 'जंग' चीन भी इस सेक्टर को अपने कंट्रोल में करना चाहता है और अगले करीब 20 से 25 साल दुनिया के बाजारों पर उसी का राज होगा, जो सेमीकंडक्टर का सबसे बड़ा निर्माता होगा। चीन ताइवान पर इसलिए भी कब्जा करना चाहता है, क्योंकि वहां की सिर्फ कंपनी ही दुनिया की 65 प्रतिशत सेमीकंडक्टर का उत्पादन करती है। लिहाजा, अब बाइडेन प्रशासन ने चिप इंडस्ट्री को अमेरिका का भविष्य बनाने का फैसला लिया है।