जयपुर
राजस्थान के गौवंश में फैल रहे लंपी चर्म रोग को राजस्थान महामारी घोषित कर सकती है। प्रदेश के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि महामारी अधिनियम का अध्ययन किया जा रहा है। अगले एक-दो दिन में इस बारे में निर्णय होगा। कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने लंपी रोग को राष्ट्रीय आपदा मानने से इनकार कर दिया है। जबकि देश के कई राज्यों के दूधारू पशुओं में विशेषकर गौवंश में यह तेजी से फैल रहा है। अब राज्य सरकार अपने स्तर पर इससे निपटने के प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों और गौशालाओं में पशु चिकित्सकों को निरंतर निगरानी रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पशुपालन सचिव पी.सी.किशन ने बताया कि लंपी को महामारी घोषित करने पर विचार किया जा रहा है। अधिकारी जिलों के दौरे कर रहे हैं। मालूम हो कि प्रदेश के 33 में से 22 जिलों यह रोग फैल चुका है। अब तक करीब 12 हजार गायों की मौत हो चुकी है। वहीं, दो लाख 51 हजार 458 गौवंश संक्रमित है। सरकार ने संक्रमित गौवंश को स्वस्थ गायों से दूर रखने के निर्देश दिए हैं । पशु मेले पहले ही स्थगित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पशुपालकों से अपील
मालूम हो कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पशुपालकों से अपील की है कि मवेशियों में अगर रोग के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सालय में संपर्क करें। उन्होंने कहा है कि गौशाला संचालक, जनप्रतिनिधिगण एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करता हूं कि इस बीमारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य सरकार को अपना सहयोग प्रदान करें।गो वंश में फैल रहा लम्पी स्किन रोग अत्यंत संक्रामक है। राज्य सरकार इसकी रोकथाम एवं बचाव के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अपने पशुओं को इससे बचाने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करें। पशुओं में इस रोग के लक्षण नजर आने पर नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था में सम्पर्क करें।