अभी भी अस्सी याचिकाओं पर निर्णय बाकी, अब लौटा रहे ब्याज

भोपाल
 मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग ने पहले तो अपने एएसआई मजिस्ट्रियल के पद पर पदस्थ कर्मचारियों को ज्यादा वेतन बांट दिया फिर गलती पता करने पर ब्याज सहित वसूली कर डाली। इस मामले में प्रदेश के सैकड़ों कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले पर हाईकोर्ट और खंडपीठ में याचिकाएं लगाई। इनमें ब्याज की राशि वापसी के हाईकोर्ट के फैसले का पालन भी सरकार समय पर नहीं कर पाई जब पंद्रह मामलों  में न्यायालय के निर्णय का पालन नहीं करने पर अवमानना की याचिकाएं लगी तब कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई और इसके बाद यह राशि वापस की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ एससआई मजिस्ट्रियल के पद पर पदस्थ पुलिस कर्मियों ने कुल 245 याचिकाएं हाईकोर्ट जबलपुर और खंडपीठ इंदौर और ग्वालियर में लगाई थी। इनमें से कुल 165 याचिकाओं पर न्यायालय ने निर्णय लिया और पंद्रह मामलों में न्यायालय की अवमानना के  बाद कोर्ट ने सख्ती से सरकार को निर्देशित किया कि ब्याज की वसूली गई राशि वापस लौटाई जाए। अभी अस्सी याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। इनमें भी निर्णय होना बाकी है।

1172 के बाद अभी भी सैकड़ों कर्मचारियों को वापस करनी पड़ेंगी ब्याज की राशि
प्रदेश के 1172 कर्मचारियों को कोर्ट के निर्देश पर 63 करोड 71 लाख 67 हजार 793 रुपए के ब्याज की राशि वापस की जा रही है। अब जिन अस्सी याचिकाओं में अभी फैसला आना बाकी है उनके जरिए भी सैकड़ों कर्मचारियों के पक्ष में फैसला होना तय है। राज्य सरकार को इन कर्मचारियों से भी वसूल की गई अधिक वेतन के ब्याज की राशि वापस लौटाना पड़ेगा। अब जिन कर्मचारियों को काफी लंबे अर्से बार यह राशि वापस मिल रही है वे ब्याज के रुप में काटी गई राशि अब तक की अवधि के  ब्याज के साथ वापस मांग रहे है। कई कर्मचारियों ने इसमें फिर कोर्ट की शरण लेने का मन बना लिया है। यदि ऐसा हुआ तो सरकारी खजाने पर और ज्यादा भार बढ़ेगा। राज्य सरकार को ब्याज की राशि जब तक सरकार के पास रही उस अवधि का ब्याज भी कर्र्मचारियों को लौटाना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *