नई दिल्ली।
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने एक बार फिर से एक खूंखार आतंकी को काली सूची में डालने के प्रयासों पर पानी फेर दिया है। उधर, भारतीय पक्ष का कहना है कि चीन का यह कदम आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला है। इससे पहले भी ड्रैगन इस प्रकार की हरकतें कर चुका है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के दूसरे नंबर के ओहदेदार अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के प्रस्ताव को चीन ने तकनीकी आधार पर बाधित किया है।
भारत-अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के बाकी सभी 14 सदस्य उस पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में थे। चीन का यह कदम आतंकवाद से निपटने के उसके दोहरे मामदंडों को दर्शाता है। जैश के सरगना मसूद अजहर के भाई एवं पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के दूसरे नंबर के ओहदेदार अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के साझा प्रस्ताव को हाल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाया गया था, जिसे चीन ने बाधित किया। यह आतंकी आईसी 814, संसद पर हमले तथा पठानकोट एयरबेस पर हमले की साजिश में लिप्त रहा है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के किसी भी आतंकवादी को काली सूची में डालने के प्रयास को बाधित करने के चीन के राजनीति से प्रेरित ये कदम, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समिति की काम करने की निष्ठा को प्रभावित करते हैं।
विमान हाईजैक करने का मुख्य साजिशकर्ता था रऊफ
पाकिस्तान में 1974 में जन्मे अब्दुल रऊफ अजहर पर दिसंबर 2010 में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे। वह 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 को अगवा करने की वारदात का मुख्य साजिशकर्ता था। इसके एवज में उसके भाई मसूद अजहर को जेल से रिहा कराया गया था।
ड्रैगन ने पहले भी प्रयास को बाधित किया
सूत्रों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने 1267 प्रतिबंध समिति में आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को बाधित किया है। चीन ने इससे पहले जून, 2022 में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के भारत तथा अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया था। मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है। सूत्रों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक कारणों के चलते प्रतिबंध समिति को उसका काम करने से रोका गया।
चीन के दोहरे मापदंड को दर्शाता है : सूत्र
अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के प्रस्ताव को चीन द्वारा बाधित करने के बाद सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि उसका यह कदम आतंकवाद से निपटने के उसके दोहरे मापदंड को दर्शाता है। उन्होंने ने कहा कि पाकिस्तान के किसी भी आतंकवादी को काली सूची में डालने के प्रयास को बाधित करने के चीन के राजनीति से प्रेरित यह कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति की काम करने की निष्ठा को प्रभावित करते हैं। सूत्रों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक कारणों के चलते प्रतिबंध समिति को उसका काम करने से रोका गया।
प्रस्ताव के आकलन के लिए और समय चाहिए : चीन
चीन ने अब्दुल रऊफ अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और भारत के प्रस्ताव पर रोक लगाने के अपने कदम का बचाव किया है। ड्रैगन ने गुरुवार को कहा कि उसे आवेदन का आकलन करने के लिए और वक्त चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें इस आदमी पर पाबंदी लगाने के आवेदन का आकलन करने के लिए और वक्त चाहिए। वांग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के संगठनों तथा व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया और कार्यक्रम के संबंध में स्पष्ट प्रावधान हैं।