नई दिल्ली।
कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए चीन अंतरराष्ट्रीय मंच से लेकर भारत की सीमाओं तक पाकिस्तान के नापाक प्लान में सीधा भागीदार बन गया है। जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों का कहना है कि चीन की पाकिस्तान की एजेंसियों के साथ मिलीभगत के कई प्रमाण घाटी में लगातार मिल रहे हैं। चीन परदे के पीछे से लगातार आतंकी संगठनों का मनोबल घाटी में बढ़ा रहा है।
अधिकारियों ने कहा, चीन की शह से ही आतंकी संगठनों का सीमापार विस्तार हो रहा है और किसी भी तरह से नकेल नही कसी जा रही है। खुद कई मोर्चो पर घिरा चीन भारत में अस्थिरता फैलाने वाली ताकतों को मदद कर भारत को उलझने की जुगत में लगा रहता है। इसलिए वह अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आतंकियों को समर्थन करता है। साथ ही अपने हथियार और उपकरण आईएसआई के जरिये आतंकी संगठनों तक पहुंचा रहा है l
बीएसएफ के पूर्व एडीजी पीके मिश्रा का कहना है, चीन की तकनीक, ड्रोन और हथियार पाकिस्तानी आतंकियो तक पहुंच रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, चीन की वजह से पाकिस्तान खराब वित्तीय हालत में भी आतंकी संगठनों को पालता पोसता रहता है। सीमा पार अभी भी आतंकी कैंप और उसमे सक्रिय आतंकियों के मौजूद होने की सूचना भारतीय एजेंसियों के पास है।
चीनी ड्रोन और तकनीक का इस्तेमाल
सूत्रों ने कहा, पाकिस्तानी आतंकियो को चीनी मदद के पुख्ता सबूत है। लेकिन सीधी भागीदारी की बात कहने से एजेंसियां बचती हैं। पाकिस्तान सीमा से आए ड्रोन, मुठभेड़ में मारे गए आतंकियो के पास से चीनी हथियार, सुरंग में चीनी तकनीक का इस्तेमाल आदि तथ्य साफ चीनी मिलीभगत का इशारा करते हैं। चीन की ओर से हथियार, ड्रोन आईएसआई को दिए जाने के पुख्ता इनपुट एजेंसियों को मिले हैं।
तुर्की से भी मदद
पाकिस्तान को तुर्की से भी अत्याधुनिक ड्रोन और हथियार मिल रहे हैं। ये ड्रोन रात और दिन हर वक्त कार्रवाई में सक्षम हैं।
म्यांमार सीमा पर भी दखल
एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक, पाकिस्तान सीमा के अलावा म्यांमार सीमा पर भी हथियारबंद उग्रवादी गुटों को चीनी सेना मदद कर रही है। म्यांमार सीमा पर हथियारों की आपूर्ति करके और उग्रवादियों को ठिकाने प्रदान करके चीनी सेना द्वारा मदद की जा रही है।