चंडीगढ़
आर्थिक संकट का सामना कर रही पंजाब की सरकार ने केंद्र से 1 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी करने की मांग की है। बड़े पैमाने पर कर्ज और सब्सिडी के बोझ के चलते पंजाब सरकार का संकट गहराता ही जा रहा है। पंजाब के सीएम भगवंत मान की ओर से केंद्र सरकार से पैकेज की मांग की गई है, जिन्होंने हाल ही में हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रति महीने देने का ऐलान किया है। इसके अलावा भी कई योजनाओं की घोषणा हुई है। भगवंत मान ने ऐसे वक्त में यह मांग की है, जब राज्य सरकार 9,000 करोड़ का सब्सिडी बिल अदा नहीं कर सकी है। सरकारी विभागों पर भी 2,600 करोड़ रुपये का एरियर बकाया है। ऐसे में इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर गहरे आर्थिक संकट के बीच सब्सिडी की योजनाओं कितनी जरूरी हैं।
हाल ही में रिजर्व बैंक की ओर से की गई एक स्टडी में बताया गया था कि पंजाब देश के उन 5 राज्यों में शामिल हैं, जहां आर्थिक संकट गहरा है। यही नहीं इस स्टडी में चेताया गया है कि यदि मुफ्त सुविधाओं वाली स्कीमें आगे जारी रहीं तो यह संकट भी गहरा सकता है। भगवंत मान ने पंजाब के सीएम की शपथ लेने के बाद ही 25 मार्च को दिल्ली आकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने इस दौरान पीएम से 1 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की थी और कहा था कि ऐसा होने पर ही पंजाब की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकेगी।
हाल ही में नीति आयोग की बैठक में एक बार फिर से भगवंत मान ने इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फूड प्रोसेसिंग और कैनाल सिस्टम को मजबूत करने के लिए स्पेशल पैकेज होना चाहिए। मीटिंग के बाद भगवंत मान ने कहा था, 'पंजाब सरकार को कर्ज से मुक्त करने के लिए मैंने मांग की है कि दो सालों तक हर वर्ष 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाए। यह मांग मेरे भाषण में शामिल थी। पहले भी मैंने यह मांग की थी।' पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। यही नहीं पंजाब का कुल राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले 42.5 फीसदी से बढ़कर 46.8 पर्सेंट हो गया है। आरबीआई की रिपोर्ट में इस पर गहरी चिंता जताई गई है।