राजधानी में साइंस फेस्टिवल आज से शुरू-सीएम बोले- PM ऊर्जा बचाने के पक्षधर , जब जरूरत हो तभी बिजली खर्च करो

भोपाल
भोपाल में आज से इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल की शुरुआत हुई। मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) में फेस्टिवल 24 जनवरी तक चलेगा। CM शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, मध्यप्रदेश सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने इसकी शुरुआत की।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रोग्राम हॉल के AC बंद करा दिए। CM ने कहा, सर्दी के दिन हैं। कोट-पैंट पहनकर सब आए हैं, उसमें ये AC चलाने की क्या जरूरत है। प्रधानमंत्री ऊर्जा बचाने के पक्षधर हैं। जब जरूरत हो तभी बिजली खर्च करो।

इसके अलावा कार्यक्रम में देशभर से आए वैज्ञानिक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं भी उपस्थित हैं। राजधानी में पहली बार व्‍यापक स्तर पर विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश-विदेश से आठ हजार विज्ञानी अपने शोध के साथ शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा देश-विदेश की 300 विज्ञानिक संस्थाएं भी इसमें शामिल हैं।

जिज्ञासा और जिद के आधार पर बनाई साइंस पालिसी : सीएम शिवराज

कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि नवाचार, नए आविष्कार, वैज्ञानिक सोच भारत की संस्कृति, मिट्टी और जड़ों में है। आज से नहीं हजारों साल से भारत विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में आगे है। वैज्ञानिक सोच का प्रकटीकरण प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे देश के विज्ञानियों ने कोविड की वैक्‍सीन बनाकर दुनिया को चौंका दिया। जिज्ञासा ही वैज्ञानिक सोच को जन्म देती है। हमारा सारा ज्ञान, सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना बेकार हैं। जिज्ञासा जानने की इच्छा हमेशा बनी रहनी चाहिए। जिद बनी रहनी चाहिए। जिज्ञासा और जिद इसी पर हमने मध्य प्रदेश की साइंस एंड टेक्नोलाजी की पालिसी बनाई है। सात हजार साल पहले भारत में पुष्पक विमान की कल्पना कर ली गई थी। हमारा विज्ञान सदियों वर्ष पुराना है। आधुनिक विज्ञान में सर्जरी का विज्ञान कुछ समय पहले शुरू हुआ इससे पहले सुश्रुत ने सर्जरी की शुरुआत कर दी थी। भारत का दृष्टिकोण हजारों साल पुराना है। समाज में वैज्ञानिक सोच का विकास करना, तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करना यह मप्र की विज्ञान नीति का उद्देश्य है।

 

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