श्योपुर
बीते साल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को बाड़े में छोड़ा था। तब इन विदेशी चीतों का देश भर के लोगों ने स्वागत किया था। एक बार फिर भारत में विदेश से चीते आने वाले हैं। मध्यप्रदेश में कूनो नेशनल पार्क को एक और खुशखबरी मिलने वाली है। हालांकि ये चीते तो 26 जनवरी को ही आने वाले थे लेकिन इनके आने की तारीख अब आगे बढ़ा दी गई है।
इस बार दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, चीते अब अगले महीने आएंगे। चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इस समझौते से जुड़े एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि दक्षिण अफ्रीका के चीते फरवरी के मध्य में भारत आएंगे।
भारत को ये चीते दक्षिण अफ्रीका ने दान किए हैं। लेकिन भारत को हर चीता को पकड़ने के लिए और उसे भारत भेजने के लिए 3,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करना होगा। कूनो नेशनल पार्क के निदेशक उत्तम शर्मा ने पीटीआई से बताया, 'हम दक्षिण अफ्रीकी से आ रहे 12 चीतों का इंतजार कर रहे हैं। हमने उनके लिए 10 क्वारंटाइन बाड़े लगाए हैं।'
दक्षिण अफ्रीकी से भारत लाए जा रहे इन चीतों को पिछले साल 15 जुलाई से ही क्वारंटाइन में रखा गया है। एमओयू पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण ये चीते भारत नहीं आ पा रहे थे। अब इन चीतों का भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। कुछ विशेषज्ञों ने चीतों को भारत में लाने में हो रही देरी पर चिंता भी जताई है। उनका कहना है कि लंबे समय तक क्वारंटाइन में रहने की वजह से इन चीतों के सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, ये चीते फरवरी के मध्य में भारत आएंगे।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 1952 में देश में चीतों को विलुप्त करार दे दिया था। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1948 में आखिरी चीता दिखा था। वर्ष 1952 में देश में चीते की प्रजातियों को विलुप्त घोषित किए जाने के 70 साल बाद नामीबिया में पिछले साल 8 चीते आए थे।