भोपाल
प्रदेश के निगम, मंडल, उपक्रम, विपणन संघ, सहकारी संस्थाएं, मंडी बोर्ड एवं कृषि उपज मंडी समितियों जिनमें सरकार की पचास प्रतिशत से अधिक अंशधारिता है वहां अब मनमर्जी से खरीदी नहीं हो सकेगी इन सभी को भंडारक्रय नियमों का पालन करना होगा। सभी सरकारी विभागों, पंचायत एवं नगरीय निकायों में भी यह आदेश लागू होंगे।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव पी नरहरि ने इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी किए है। केवल मध्यप्रदेश के हस्तशिल्पियों, कारीगरों द्वारा उत्पादित सामग्री की खरीदी, बिक्री में भंडार क्रय नियमों से छूट रहेगी। यह छूट संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के द्वारा संचालित एंपोरियमों के माध्यम से विक्रय हेतु सामग्री की खरीदी के संबंध में, मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित एंपोरियमों के माध्यम से बेची जाने वाली सामग्री की खरीदी के संबंध में और मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा संचालित एंपोरियमों के माध्यम से विक्रय हेतु सामग्री खरीदी के संबंध में लागू नहीं होंगे। पुस्तके, प्रकाशन, सामयिक पत्र-पत्रिकाओं की खरीदी में भी यह नियम लागू नहीं होंगे।
इस तरह होगी खरीदी
विभागों द्वारा जैम पोर्टल अथवा मध्यप्रदेश टेंडर पोर्टल में से किसी भी पोर्टल पर निविदा आमंत्रित करने की दशा में मध्यप्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम का पालन अनिवार्य रुप से किया जाएगा। जैम पोर्टल् के माध्यम से खरीदी करने पर भी मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
ढाई लाख से अधिक की सामग्री की खरीद जेम पोर्टल से
ढाई लाख रुपए से अधिक की सामग्री जेम पोर्टल के जरिए टेंडर जारी करके खरीदना होगा। अनारक्षित सामग्री की खरीदी क्रय नियमों के अनुसार करना होगा। ऐसी सामग्री की दरे जेम पोर्टल में उपलब्ध होने की दशा में जेम से खरीदी करना होगा।