इंदौर
रंगपंचमी पर इंदौर में सुबह से रंग-गुलाल उड़ने लगा। इंदौर की ऐतिहासिक गेर में शामिल होने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों से लोग परिवार के साथ और युवाओं की टोली राजवाड़ा पहुंच गई।
जैसे-जैसे संस्थाओं की गेर राजवाड़ा पहुंच रही थी, लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा था। इंदौर के राजकमल बैंड की धुन पर भी लोग जमकर झूमे। इस बार पिछली वर्ष के मुकाबले ज्यादा लोग गेर देखने पहुंचे हैं। लाखों लोगों की भीड़ राजवाड़ा पर देखी गई। कई संस्थाओं की गेर निकलने के बाद भी लोगों के आने का सिलसिला जारी था।
सुबह करीब सवा 11 बजे सबसे पहले टोरी कार्नर की गेर राजवाड़ा पहुंची। राजवाड़ा पर हर कोई रंग में रंगा नजर आया। रंगपंचमी का उल्लास चारों तरफ दिख रहा था। यह गेर टोरी कार्नर से मल्हारगंज, खजूरी बाजार, राजवाड़ा पहुंची। अब गेर गोपाल मंदिर, सराफा, नृसिंह बाजार होते हुए पुन: इतवारिया बाजार से मल्हारगंज पहुंचेंगी।
आयोजक शेखर गिरि ने बताया कि इस बार गेर के साथ 20 महिला बाउंसर भी साथ थी। ये बाउंसर शहर के बाहर से आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों का सहयोग करेंगी। इसके साथ ही जबलपुर के जूनियर अमिताभ डांसरों के साथ नृत्य करते चल रहे थे। यह शहर की सबसे पुरानी गेर है।
निगम की झांकी में स्वच्छता का संदेश
शहर की ऐतिहासिक रंगारंग परंपरा में पहली बार इंदौर नगर पालिक निगम भी भागीदार बन रहा है। गेर में पहली बार नगर निगम का काफिला भी शामिल हुआ। निगम की गेर में पानी के दो टैंकरों और रथ के साथ कुल दस गाड़ियां शामिल हुई। गेर की झांकियों में नगर निगम ने स्वच्छता व पर्यावरण का संदेश देते हुए शासन की योजनाओं को भी प्रचारित किया। गेर में राधाकृष्ण की झांकी के साथ एक पेड़ आकर्षण का केंद्र रही। इसकी शाखाओं से सुंगधित रंगों की फुहार उड़ती रही।
रसिया कार्नर नवयुवक मंडल की गेर
यह गेर हरिराम मंदिर राजमोहल्ला से कैलाश मार्ग, रामाशाह मंदिर, मल्हारगंज, गोराकुंड चौराहा, खजूरी बाजार से राजवाड़ा पहुंची। आयोजक पं. राजपाल जोशी ने बताया कि गेर में 20 से अधिक वाहन शामिल हुए। इनमें ई-रिक्शा, रंगीन पानी के टैंकर, मिसाइल, डीजे वाहन, तांगे, रनगाड़े आदि थे। इसमें रंग उड़ाने के पुराने तरीकों के साथ आधुनिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया गया।