अनाधिकृत कॉलोनियों का विकास अब सांसद -विधायकों की निधि से

भोपाल
प्रदेश की अनाधिकृत कॉलोनियों का विकास कार्य अब सांसद और विधायकों के स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से प्राप्त राशि से किया जा सकेगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने कॉलोनी विकास नियमों में संशोधन का ड्रॉफ्ट जारी कर दिया है।

जो बदलाव किए गए है उसके तहत अनाधिकृत कॉलोनियों में सबसे पहले लेआउट प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद यहां रहने वाले नागरिकों से विकास शुल्क लेकर उन्हें भवन अनुज्ञा और अन्य अनुमतियां जारी की जा सकेंगी।  प्रकाशित विकास योजना का क्रियान्वयन कई तरह की नधियों से प्राप्त राशि से किया जाएगा। इसमें भवन और भूखंड स्वामियों से प्राप्त विकास शुल्क, केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा घोषित योजनाओं के अधीन प्राप्त निधियां जो योजनाओं के निबंधनों और शर्तो के तहत कॉलोनियों के विकास पर खर्च की जाएंगी।

 सार्वजनिक निजी भागीदारी तथा सांसद और विधायकों के स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से प्राप्त राशि। विकास कार्य आरंभ करने हेतु समस्त भूखंडों पर अवधारित विकास शुल्क की पूर्ण वसूली की जरुरत नहीं होगी। उपलब्ध निधि से प्राथमिकता के विकास कार्य किये जा सकेंगे। मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम के तहत अधिगृहित की गई अनाधिकृत कॉलोनी के विकास के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों की सम्पत्ति के विक्रय से प्राप्त राशि से भी विकास कार्य होंगे।  विकास लागत की राशि से समायोजित होगी और विकास लागत तथा समायोजित राशि कॉलोनी के  बाहरी विकास एवं संधारण कार्य में खर्च की जा सकेगी।

अनाधिकृत कॉलोनी में विकास कार्य करने के लिए विक्रेता और क्रेता दोनो से नगरीय निकाय से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करना जरुरी होगा तभी यहां के प्लाट और भवन बेचे जा सकेंगे। बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के सम्पत्ति का पंजीयन नहीं किया जा सकेगा। नगरीय निकाय ऐसे प्रमाणपत्र जारी करने से पहले संबंधित रहवासी संघ से परामर्श भी करेगा।

अनाधिकृत कॉलोनी विकसित करने वाले समस्त व्यक्तियों की सम्पत्ति को चिन्हांकित करने के बाद कुर्क किया जा सकेगा।  इन सम्पत्तियों के बेचने से प्राप्त राशि संबंधित निकाय की निधि के रुप में होगी और इसे संबंधित कॉलोनी के विकास कार्य के लिए खर्च किया जाएगा। अचल सम्पत्ति के व्ययन के लिए सक्षम प्राधिकारी आदेश जारी करेगा और ऐसी सभी सम्पत्तियों का मूल्यांकन प्रचलित कलेक्टर गाइडलाईन के आधार पर किया जाएगा। इस संबंध में किसी भी आदेश के विरुद्ध तीस दिन के भीतर आयुक्त नगरीय प्रशासन को अपील की जा सकेगी।

जिस अनाधिकृत कॉलोनी में विकास कार्य होने है उसका लेआउट तैयार कर सभी सुविधाओं के विकास की अनुमानित लागत का आंकलन किया जाएगा। विकास कार्य के लिए समयसीमा भी तय होगी। प्रति वर्गमीटर विकास शुल्क का निर्धारण भ्ज्ञी किया जाएगा।  आवंटित नहीं किए गए शेष भूखंडों और भवनों के विक्रय के लिए मानदंड तय किए जाएंगे।  कॉलोनी की भूमि का कुल क्षेत्र एवं भूखंडों , भवनों की संख्या और अविक्रित भूमि और भूखंड, भवनों की संख्या आकार की जानकारी समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाएगी इसके बाद ही भवन अनुज्ञा, जल संयोजन और विद्युत संयोजन के लिए भूखंड स्वामी को पात्रता मिलेगी।

रहवासी संघ का होगा गठन
कॉलोनी के विकास के लिए रहवासी संघ का गठन भी किया जा सकेगा। चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में विकास शुल्क की कु ल राशि में से बीस प्रतिशत निम्न आय वर्ग के रहवासियों से और पचास प्रतिशत अन्य रहवासियों से ली जाएगी।भवन अनुज्ञा का आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर बिना अनुमति के निर्मित भवन को नियमित करने के लिए आवेदन देना होगा। रहवासी संघ के माध्यम से ऐसी अनुमतियां जारी की जाएंगी।

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